Wednesday, October 16, 2019

7 दशक बाद करवा चौथ पर पत्नी संग नजर आएंगे चांद, जानें महत्व

17 अक्टूबर गुरुवार को महिलाएं सुहाग का व्रत करवा चौथ रखेंगी। यह करवा चौथ सभी व्रतियों के लिए शुभ संयोग लेकर आया है। लेकिन जिन लोगों के लिए पहला करवा चौथ है उनके लिए सोने पर सुहागा वाली बात हो गई है। इस बार चंद्रमा व्रतियों के लिए गुडलक लेकर आ रहे हैं। इसकी खास वजह यह है कि 70 साल बाद करवा चौथ की शाम चंद्रमा शुभ नक्षत्र में उदित होने जा रहा है। यह सभी व्रतियों के लिए अच्छा है लेकिन जिनका पहला करवा चौथ है उनके लिए सौगात की तरह है क्योंकि ऐसा दुर्लभ संयोग पहले व्रत में ही प्राप्त हो गया है।

1 रोहिणी नक्षत्र में चंद्र दर्शन का फल
करवा चौथ का व्रत हर वर्ष कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं, यानी संकटों को दूर करने वाली चतुर्थी। इस वर्ष करवा चौथ के दिन चांद रोहणी नक्षत्र में उदित होंगे। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी है। इसलिए जब चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होते हैं तो अत्यंत शुभ फलदायी होते हैं।

2 करवा चौथ पर नक्षत्रों का शुभ संयोग
चौथ के दिन दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर कृतिका नक्षत्र समाप्त हो रहा है और रोहिणी नक्षत्र आरंभ हो रहा है। इन दोनों नक्षत्रों के साथ करवा चौथ का व्रत बहुत ही शुभ फलदायी है। रोहिणी नक्षत्र के साथ चंद्रमा का संयोग होने से नवविवाहितों के दांपत्य जीवन में प्रेम और गृहस्थी के सुख को बढ़ाने में चंद्रमा सहायक होंगे

3 करवा चौथ पर बनने वाले अन्य संयोग
बार करवा चौथ के दिन चंद्रमा वृष राशि में होंगे। इस राशि के स्वामी शुक्र हैं जिन्हें ज्योतिषशास्त्र में प्रेम संबंध का कारक माना गया है। शुक्र के घर में चंद्रमा का होना विवाहित लोगों और प्रेमियों के लिए शुभ फलदायी है। इस दिन व्रत पूजन से रिश्ते में प्रेम और उत्साह में वृद्धि होगी। इस दिन चंद्रमा और मां पार्वती की पूजा से आर्थिक परेशानियों की वजह से परिवार में चल रही परेशानियों से निकलने का रास्ता भी माता दिखाएंगी। सुख समृद्धि का मार्ग खुलेगा।

4 कम समय के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग सुबह सूर्योदय के समय तक रहेगा। ऐसे में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान पूजन और व्रत का संकल्प लेना शुभ फलदायी रहेगा।

5 करवा चौथ व्रत खोलने का समय
करवा चौथ पर अक्सर चांद दर्शन देने में देर कर देते हैं। व्रतियों को चांद के दर्शन का इंतजार रहता है तो चांद भी उस दिन व्रतियों के सब्र का इम्तिहान लेते हैं। इस बार दिल्ली में रहने वाले व्रतियों को चांद रात 08 बजकर 19 मिनट पर दर्शन देंगे। इस समय चांद का दर्शन छननी से करने के बाद व्रत रखने वाली महिलाएं व्रत खोल सकती हैं।

 https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/photo/moon-will-be-seen-with-wife-on-karva-chauth-after-7-decades-know-the-importance-68029/

Tuesday, October 8, 2019

अब आसान हुआ वाहनों का इंश्योरेंस रिन्यू कराना

अब आसान हुआ वाहनों का इंश्योरेंस रिन्यू कराना

नवभारत टाइम्स | Updated: 06 Oct 2019, 11:08 AM

अब वाहनों का इंश्योरेंस रिन्यू कराना आसान हो गया। नए मोटर वीइकल कानून के लागू होने के बाद इंश्योरेंस रिन्यू न कराना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

हाइलाइट्स:

वाहन इंश्योरेंस रिन्यू कराना अब पहले की अपेक्षा आसान हुआ, नए मोटर वीइकल ऐक्ट के लागू होने के बाद बढ़ गई है पेनल्टी की रकम, अगर आपने बीमा रिन्यू नहीं कराया तो लग सकता है बड़ा झटका, अब थर्ड-पार्टी लायबिलिटी कवर अनिवार्य और पहली बार इसके बगैर पकड़े जाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना !!!

अक्सर इंश्योरेंस को रिन्यू करवाना हम भूल जाते हैं और बिना वैलिड इंश्योरेंस पेपर के गाड़ी चलाते रहते हैं। ऐसा करना अब आपको महंगा पड़ सकता है। वैसे भी अब इंश्योरेंस रिन्यू करवाना आसान हो गया है तो बेहतर यही है कि आप समय से उसे रिन्यू करवा लें। नए मोटर वीइकल्स ऐक्ट के तहत भारी जुर्माने की वजह से अब आप गाड़ी के इंश्योरेंस को इग्नोर नहीं कर सकते। अब थर्ड-पार्टी लायबिलिटी कवर अनिवार्य है और पहली बार इसके बगैर पकड़े जाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगता है। यही गलती दोहराने पर 4,000 रुपये चुकाने पड़ते हैं। बेशक कई दोपहिया गाड़ियों के मामले में जुर्माने के मुकाबले प्रीमियम की रकम कम है। ऐसे में समझदारी तो यही है कि आप इंश्योरेंस जरूर करवा लें। आसान है रिन्यू करवाना

1. अब थर्ड-पार्टी लायबिलिटी कॉम्पोनेंट को रिन्यू करवाना आसान हो गया है। इस तरह के मामले में कोई जांच-पड़ताल नहीं होती है और पॉलिसी तत्काल जारी कर दी जाती है।

2. लैप्स या ब्रेक-इन, कॉम्प्रिहेंसिव कवर के डैमेज एलिमेंट को रिन्यू करवाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है। अब इसे भी आसान बना दिया गया है।

3. पहले पॉलिसी के लिए इंश्योरेंस कंपनियों के एजेंट ग्राहक के पास जाकर गाड़ियों की जांच करते थे। इसमें काफी वक्त लगता था। लेकिन अब कई बीमाकंपनियां 90 दिनों से अधिक का ब्रेक न होने पर गाड़ी की जांच की जरूरत नहीं समझतीं और यह प्रक्रिया आसानी से निपट जाती है।

4. पॉलिसी लैप्स होने के 90 दिनों के भीतर रिन्यू करने से एक और फायदा होता है कि आप टोटल नो-क्लेम बोनस (NCB) के हकदार होते हैं। ब्रेक जितना लंबा होगा, प्रीमियम अधिक देना होगा।

5. कुछ बीमा कंपनियां जीरो डेप्रिसिएशन कवर या इंजन प्रोटेक्ट कवर जैसे उपयोगी ऐड-ऑन को उन गाड़ियों तक नहीं बढ़ाती हैं, जो लंबी अवधि तक बगैर कवर के होते हैं।

6. कुछ बीमा कंपनियां सेल्फ-इंसेप्शन मॉडल पर भी काम करती है। इनका इंश्योरेंस लेने वाले ग्राहक बीमा कंपनियों के आधिकारिक ऐप या लिंक के माध्यम से जांच के लिए अपनी गाड़ी की विडियो अपलोड करते हैं।

सावधानी है जरूरी

1. इंश्योरेंस की शर्तों को हमेशा सावधानी से पढ़ें। छोटी-से-छोटी बातों का भी स्पष्टीकरण पूछें।

2. अगर आपकी गाड़ी में चार से अधिक डेंट हैं तो पॉलिसी प्रपोजल रिजेक्ट भी हो सकता है। इसी तरह से, एक बड़े डेंट या विंडशील्ड में एक क्रैक से भी पॉलिसी जारी किए जाने की संभावना घट सकती है।

3. इंस्पेक्शन के वक्त अगर पहले से कोई डैमेज गाड़ी में होता है तो उसे नई पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता। इसलिए पॉलिसी खरीदते वक्त गाड़ी के पिक्चर या विडियो के जरिये उसकी कंडिशन का रेकॉर्ड रखना चाहिए।

4. एक बार पॉलिसी इश्यू होने पर शर्तें कमोबेश रेग्युलर पॉलिसी जैसी होती हैं।

5. यह जरूर देखिए कि पॉलिसी किस तारीख से लागू हो रही है। इसमें देरी होने पर आपका नुकसान हो सकता है।

6. ब्रेक-इन के मामले में थर्ड पार्टी कवर पॉलिसी T+1 या T+3 आधार पर (ट्रांजैक्शन के एक या तीन दिन बाद) लागू होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि कोई हादसे के बाद पॉलिसी न खरीद ले। इंश्योरेंस कंपनी के लिए यह फायदेमंद हो सकता है, लेकिन आपका नुकसान।

7. किसी भी परेशानी से बचने के लिए लैप्स होने की गलती न दोहराएं। इससे न सिर्फ ऊंची पेनल्टी देनी पड़ती है, बल्कि किसी को नुकसान होता है तो मुआवजे पर भी असर पड़ सकता है।

किसी भी इंश्योरेंस के लिए संपर्क करें:-
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